UPI Charges
अब यूपीआई से पेमेंट करने पर लगेगा चार्ज UPI Charges : करोड़ों भारतीय रोजाना UPI एप के जरिए पैसों का लेनदेन करते है । क्या आप भी लेनदेन के लिए Google Pay, Phone Pe, PayTM जैसे UPI एप को काम मे लेते है तो आपके लिए बुरी खबर है । क्योंकि भारत सरकार की संस्था NPCI (National Payments Corporation Of India) ने UPI के माध्यम से की जाने वाली पेमेंट पर PPI (Prepaid Payment Instrument) फीस लगाने का सुझाव दिया है ।

डिजिटल क्रांति के इस दौर मे UPI का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया । ज्यादातर लोग छोटी-बड़ी वस्तुओ की खरीददारी के लिए UPI के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करते है । अब 1 अप्रैल 2023 UPI एप यानी गूगल पे (Google Pay), फोन पे (Phone Pay) और पेटीएम (Paytm) जैसे UPI एप के माध्यम से 2,000 रुपये से ज्यादा के पेमेंट पर आपको 1 अप्रैल से UPI Charges देना होगा ।
UPI Charges
यूपीआई से पमेंट करने की आदत आज आम लोगों को लग चुकी है। लेकिन अब ये आदत आपको महंगी पड़ने वाली है। एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट को लेकर सर्कुलर जारी किया है। जिसमें 1 अप्रैल से यूपीआई से होने वाले मर्चेट पेमेंट पर पीपीआई चार्ज लगाने की सिफारिश की है। 24 मार्च को एनपीसीआई की ओर से ये सर्कुलर जारी किया गया। इस सर्कुलर में प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लगाने का सुझाव दिया है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 24 मार्च, 2023 को जारी किए गए सर्कुलर में कहा है कि यूपीआई से मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) फीस लागू किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट जैसे मोबाइल वॉलेट के जरिए व्यापारियों को 2,000 रुपये से अधिक के पैसों ट्रांसफर करता है तो ऐसी स्थिति में इसे इंटरचेंज फीस देनी होगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि PPI के अंतर्गत कार्ड और वॉलेट आता है.
कितनी देनी होगी इंटरचेंज फीस
ET में छपी रिपोर्ट के मुताबिक NPCI के सर्कुलर में 2,000 रुपये से अधिक के ट्रांजेक्शन पर ही यह इंटरचेंज फीस वसूला जाएगा. यह फीस आमतौर पर 2,000 रुपये से अधिक की राशि का कुल 1.1 फीसदी होगा. गौरतलब है कि एनपीसीआई (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस तय की है. कृषि और टेलीकॉम क्षेत्र में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूला जाएगा. यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को ही देना पड़ेगा.
इंटरचेंज शुल्क विभिन्न सेवाओं पर 0.5-1.1 प्रतिशत की सीमा में लागू होगा। इंटरचेंज शुल्क 0.5 प्रतिशत ईंधन पर, 0.7 प्रतिशत दूरसंचार, उपयोगिताओं/डाकघर, शिक्षा, कृषि, सुपरमार्केट के लिए 0.9 प्रतिशत, म्युचुअल फंड, सरकार, बीमा और रेलवे पर 1 प्रतिशत लागू होगा।
किस पर नहीं लगेगा इंटरचेंज फीस
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) के सर्कुलर के मुताबिक बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह का ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद NPCI इसका समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले करेगा.
NPCI बोला- केवल वॉलेट जैसे प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट से ट्रांजैक्शन पर 1.1% फीस लगेगी
हाल के दिनों में, यूपीआई मुफ्त, तेज, सुरक्षित और निर्बाध अनुभव प्रदान करके डिजिटल भुगतान के पसंदीदा तरीके के रूप में उभरा है। परंपरागत रूप से, यूपीआई लेनदेन का सबसे पसंदीदा तरीका भुगतान करने के लिए किसी भी यूपीआई सक्षम ऐप में बैंक खाते को जोड़ना है जो कुल यूपीआई लेनदेन में 99.9% से अधिक का योगदान देता है। ये बैंक खाता-से-खाता लेनदेन ग्राहकों और व्यापारियों के लिए नि:शुल्क जारी रहेगा।
हाल के विनियामक दिशानिर्देशों, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई वॉलेट्स) को इंटरऑपरेबल यूपीआई इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी गई है। इसे देखते हुए NPCI ने अब PPI वॉलेट को इंटरऑपरेबल UPI इकोसिस्टम का हिस्सा बनने की अनुमति दी है। पेश किए गए इंटरचेंज शुल्क केवल पीपीआई मर्चेंट लेनदेन के लिए लागू हैं और ग्राहकों के लिए कोई शुल्क नहीं है, और यह आगे स्पष्ट किया जाता है कि बैंक खाते से बैंक खाते के लिए यूपीआई भुगतान (यानी सामान्य यूपीआई भुगतान) के लिए कोई शुल्क नहीं है।
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