Rahul Gandhi की संसद सदस्यता रद्द व 6 साल के लिए अयोग्य । जाने किन नियमों से किया जाता है अयोग्य घोषित ।

Rahul Gandhi Parliament Membership Disqualified

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को आज संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया । आज लोकसभा सचिवालय ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई । आपको बता दे 2019 मे लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक रैली के दौरान एक भाषण मे राहुल गांधी ने कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’

Rahul Gandhi Parliament Membership Disqualified
Rahul Gandhi Parliament Membership Disqualified

इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। अक्टूबर 2021 की आखिरी पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था। इसके बाद 23 मार्च को सूरत की एक कोर्ट ने मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद आज लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी । Rahul Gandhi Parliament Membership Disqualified

किन नियमों के तहत किया अयोग्य घोषित

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार “संख्या 21/4(3)/2023/टीओ(बी) के न्यायालय द्वारा उनकी सजा के परिणामस्वरूप C.C./18712/2019 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरत, केरल के वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य श्री राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को उनकी दोषसिद्धि की तारीख यानी 23 मार्च, 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के प्रावधानों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के साथ पढ़ा जाए।” अयोग्य घोषित किया गया । आइए जानते है इन नियमों के बारे मे विस्तार से ।

Constitution of India Article 102(1)(e)

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-102: सदस्यता के लिए निरर्हताएँ

कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा

(क) यदि वह भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन ऐसे पद को छोड़कर, जिसको धारण करने वाले का निरर्हित न होना संसद ने विधि द्वारा घोषित किया है, कोई लाभ का पद धारण करता है;

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(ख) यदि वह विकृतचित्त है और सक्षम न्यायालय की ऐसी घोषणा विद्यमान है;

(ग) यदि वह अनुन्मोचित दिवालिया है;

(घ) यदि वह भारत का नागरिक नहीं है या उसने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से आर्जित कर ली है या वह किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या अनुषक्ति को अभिस्वीकार किए हुए है;

(ङ) यदि वह संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस प्रकार निरर्हित कर दिया जाता है।

Representation of the People Act, 1951 Section 8

जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 कुछ अपराधों के लिए सजा पर अयोग्यता घोषित करती है ।

इस अधिनियम की धारा 8(1) व (2) के अंतर्गत प्रावधान है कि यदि कोई सांसद या विधायक धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रतिकूल कार्य करने का अपराध, हत्या, बलात्कार, अस्पृश्यता, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के उल्लंघन; भारतीय संविधान का अपमान करना, प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात या निर्यात करना, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना जैसे अपराधों में लिप्त होता है, तो उसे-

  • इस तरह की सजा की तारीख से छह साल की अवधि के लिए केवल जुर्माना;
  • कारावास, ऐसी सजा की तारीख से और उसकी रिहाई के बाद से छह साल की एक और अवधि के लिए अयोग्य बना रहेगा।
  • कम से कम छह महीने के लिए कारावास की सजा सुनाई गई, ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद से छह साल की एक और अवधि के लिए अयोग्य बना रहेगा।

इस अधिनियम की धारा 8 (3) के अंतर्गत प्रावधान है कि एक व्यक्ति को धारा 8 (1) व (2) के अलावा किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है और कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई है, ऐसी सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा और उसकी रिहाई के बाद छह साल की अवधि के लिए अयोग्य बना रहेगा।

अयोग्यता के बावजूद, किसी व्यक्ति के मामले में जो सजा की तारीख पर संसद या किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य है, उस तारीख से तीन महीने बीतने तक या उस अवधि के भीतर अपील या आवेदन होने तक प्रभावी होता है। पुनरीक्षण के लिए सजा या सजा के संबंध में लाया जाता है, जब तक कि उस अपील या आवेदन का अदालत द्वारा निपटान नहीं किया जाता है।

Rahul Gandhi, केरल के वायनाड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (ई) के प्रावधानों के संदर्भ में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8 के साथ पढ़े जाने के अनुसार, उनकी सजा की तारीख यानी 23 मार्च, 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया है।

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